आज के आधुनिक युग में अपार्टमेंट्स की मांग ज़्यादा बढ़ गई है, क्यूंकि लखनऊ जैसे शहरों में आबादी जैसे जैसे बढ़ रही है वैसे ही हर छेत्र में implation का असर भी दिखाई दे रहा है।
लखनऊ में अच्छी लोकेशन में अपना घर लेना मध्यम वर्गीय लोगों के लिए महंगा होता जा रहा है वो इसलिए क्यूंकि लखनऊ में रियल एस्टेट बिज़नेस में दिन बा दिन बढ़ोतरी होती जा रही है।
स्वतंत्र घरों, या विला में रख राखाओ के ख़र्चे देखभाल की जरूरत अपार्टमेंट प्रॉपर्टी के मुकाबले ज्यादा होती है।
लखनऊ में डेवलपर जैसे रोहित ग्रुप, सुकृति ग्रुप शालीमार, एल्डिको, अंसल, अमरावती, श्री बालाजी, बिलड़ीआ ग्रुप, ओमैक्स इत्यादि माध्यम वर्गों को ध्यान में रखकर अब प्लॉट डिवेलपमेंट्स का मिश्रण कर अपार्टमेंट प्रोजेक्ट ला रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश के ऐसे लोगों के लिए अधिक सुविधा जनक होते हैं,जो बैंकिंग सेक्टर, सरकारी अधिकारी, और शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं जिनकी पोस्टिंग लखनऊ में है और बजट फ्लैट्स या अपार्टमेंट्स की श्रेणी में आते हैं, लखनऊ में अपार्टमेंट्स या फ्लैट्स को लोन बहोत आसानी से प्राप्त हो जाता है खासकर ऐसे फ्लैट्स जो LDA approved और RERA रजिस्टर्ड हों जिसमे मार्जिन अमाउंट कम से कम और लोन 90 % तक आसानी से मिल जाता है।
Plot vs flat अपार्टमेंट या स्वतंत्र घर में लोन की सुविधा
होम लोन को लेकर राष्ट्रीय बैंक बहोत एहतियात बरतते हैं स्वतंत्र घरों के मामले में बैंक सख्त जांच करने के बाद ही लोन देते हैं। स्वतंत्र संपत्तियों के मामले में उधार इसलिए भी मुश्किल है, क्योंकि इसमें बेहिसाब नकद का हिस्सा है। इसके अलावा स्वतंत्र घर के मूल्य का पता लगाना भी मुश्किल है।
अगर आप एक प्लॉट लेने की सोच रहे हैं तो यह जान लें कि भारतीय बैंक जैसे SBI Home Loan, PNB, Canera, Bank, Allahabad Bank, UCO Bank इत्यादि बैंको से लोन आपको प्लॉट के कुल मूल्य का 60-70 प्रतिशत लोन प्राप्त हो सकता है। बाकी के पैसे का इंतजाम आपको खुद ही करना होगा। इसमें स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज भी शामिल हैं।
लखनऊ में अपार्टमेंट या स्वतंत्र घर की लोकेशन
लखनऊ में प्रॉपर्टी अपार्टनेंट्स या फ्लैट्स की लोकेशन भी बहोत मायने रखती है देश के आठ प्रमुख शहरों (दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद) में लोग आमतौर पर प्लॉट्स की तुलना में अपार्टमेंट खरीदना पसंद करते हैं।
इन शहरों में फ्लैटों की लोकप्रियता के पीछे सुरक्षा और अन्य सुविधाएं है। जैसे अपार्टमेंट में पावर बैकअप, कार पार्किंग, क्लब, जिम, स्विमिंग पूल और गार्डन एरिया आदि मिल जाता है। प्लॉट वाले इलाकों में ऐसी सुविधाओं की कमी होती है।
फ्लैटों के लिए, ठेकेदार एक अपार्टमेंट के मामले में कानूनी औपचारिकताओं का ख्याल रखता है और मकान मालिक को केवल अपार्टमेंट के लिए उचित मूल्य का भुगतान करने और अपनी इच्छानुसार स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है। एक व्यक्तिगत घर के मालिक होने की लागत एक अपार्टमेंट खरीदने की तुलना में कहीं अधिक है, इसलिए होम लोन के मामले में मांग इसी तरह बढ़ेगी।
इसमें पार्सल की कीमत, सरकार को भुगतान की जाने वाली स्टांप ड्यूटी, विभिन्न अधिकारियों द्वारा मांगी गई मंजूरी, बिजली जोड़ने की लागत, कच्चा माल, शहर के आधार पर श्रम की लागत और, में शामिल होंगे। मरम्मत का मामला, आर्किटेक्ट की फीस।
अगर बाद में आप प्रॉपर्टी बेचने पर विचार करते हैं तो अपार्टमेंट बेचना ज्यादा आसान है। अपार्टमेंट्स के भीतर ही टू बेडरूम और थ्री बेडरूम अपार्टमेंट्स की डिमांड ज्यादा है। तो अगर आपने प्रॉपर्टी खरीदने का सोच लिया है तो इन मानकों पर जल्द काम करना शुरू कर दें। चूंकि आप एक विकल्प चुनेंगे, इसलिए यह मानकर चलें कि प्रॉपर्टी में निवेश का कोई सही वक्त नहीं होता।